संघर्ष, सेवा और जनता के लिए समर्पण की भावना कहीं ना कहीं अपने, अपनों और खुद के सुख चैन के परित्याग के बाद ही संभव है। जिसका जीता जागता उदाहरण लगातार 14 वर्षों से अनवरत कोडरमा में जन सेवा के क्षेत्र में अपने आप को झोंक इस विधानसभा की प्रबल दावेदार निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी गुप्ता की है। शालिनी गुप्ता एक शिक्षित शालीन और सौम्य स्वभाव की महिला होने के साथ-साथ जनता के साथ सीधे संपर्क करने और उनके समस्या को निदान करने में ज्यादा भरोसा रखती है। इस विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो लगातार 5 वर्षों से दिन और रात जनता के बीच रहकर उन्होंने जनता और क्षेत्र के विकास के लिए अपने संघर्ष को जारी रखा। आज वह निर्णायक समय आ गया है जब जनता के समक्ष जाने के बाद शालिनी गुप्ता ने अपने अलग अंदाज में लोगों को भावनात्मक रूप से संबोधित करते हुए चुनाव से पूर्व अपनी समर्पण भरे सेवा के बदले मजदूरी के रूप में एक-एक वोट मांगे है।
शालिनी गुप्ता ने 2024 के चुनाव में क्यों दिया परिवर्तन का नारा
शालिनी गुप्ता के दिए परिवर्तन के नारे ने बड़े-बड़े दलों के प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है। कोडरमा विधानसभा में पिछले 10 वर्षों तक बीजेपी पार्टी का दबदबा रहा है। उससे पूर्व 15 वर्षों तक लगातार राजद पार्टी का दबदबा रहा है। शालिनी गुप्ता के अनुसार क्षेत्र के विकास में जो उड़ान भरनी थी वह नहीं के बराबर हुई है। विकास और सेवा को लेकर लोगों में ख़ाशा नाराजगी भी है। ऐसे में चुनाव से पूर्व परिवर्तन के दिए नारे ने एक नया मोड़ ले लिया है और परिवर्तन में लोगों के सैलाब आने से विपक्ष में खलबली है।
स्टार प्रचारक पर दिए बयान पर मतदाताओं के दिलों में क्यों उतरी शालिनी
जैसे-जैसे चुनाव और मतदान की तिथि नजदीक आती गई वैसे-वैसे हर प्रत्याशियों के स्टार प्रचारक क्षेत्र में उतरने लगे। ऐसी स्थिति में पत्रकारों के द्वारा आपके स्टार प्रचारक कौन है ? के जवाब में शालिनी गुप्ता ने अपनी विधानसभा के हर एक संघर्ष कर रहे, पलायन कर रहे, गरीबों असहायों और दिव्यांगों आदि मतदाताओं को अपना स्टार प्रचारक बताकर लोगों के दिल को छू लिया और विधानसभा के हर एक वोटरों को सम्मान के साथ गौरवान्वित होने का अवसर दे दिया और अपनी अलग जगह बनाई। उनके इस बयान ने विपक्षी मतदाताओं को भी अपनी तरफ करने का काम किया।
मतदाताओं को जनता जनार्दन का दर्जा देकर क्यों दिया सम्मान
विधानसभा के मैदान में उतरने से पूर्व ही शालीन स्वभाव की शालिनी गुप्ता ने अपने जनता के प्रति भावनाओं को जताते हुए मतदाताओं को परमेश्वर की उपाधि देते हुए देव तुल्य जनता से संबोधित किया। जिसके बाद विधानसभा के हर एक वोटरों के दिल पर अपनी पक्की जगह बना ली। अमूमन ऐसा सम्मान विधानसभा की जनता को शायद नहीं मिला था।
क्यों है कोडरमा विधानसभा की सबसे अलग प्रत्याशी शालिनी
कहते हैं एक जनप्रतिनिधि के अंदर ऐसे अनेक गुण होने चाहिए जो जनता के हित और क्षेत्र के विकास के लिए मिल का पत्थर साबित हो। ऐसे में विधानसभा के अंदर शालिनी गुप्ता के शिक्षित होने, सुख दुख में साथ देने, क्षेत्र और जनता के प्रति समर्पण की भावना, क्षेत्र के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा, लोगों की समस्याओं को सुलझाने की तत्परता, जाति और धर्म से परे रहकर राजनीति में अग्रसर होना, जनता से सीधे लगाओ और जुड़ाव, कहीं भी और कभी भी बुलाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज करना, कुशल नेतृत्व जैसे अनेक गुणों की वजह से कोडरमा विधानसभा में शालिनी गुप्ता अन्य प्रत्याशियों से बिल्कुल अलग अपनी पहचान रखती है।
जनता व क्षेत्र के लिए कार्य करने का जज्बा और समर्पण ने बनाया लोगों की पहली पसंद
राजनीति में आने के बाद परिस्थिति चाहे जैसी भी रही हो अपने निर्भय और समर्पित स्वभाव से शालिनी गुप्ता जनसेवा के लिए फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्थितियां बदली, परिस्थितियों बदली, लोग बदले, मौसम बदले पर शालिनी गुप्ता के जनता की सेवा करने का संकल्प कभी नहीं डिगा। शालिनी गुप्ता के इस स्वभाव से लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बनाई।
14 वर्षों से अनवरत जनता के सुख-दुख के बीच समय देकर बनाया नया रिकॉर्ड
देखा गया है कोई भी जनप्रतिनिधि जनता के बीच तभी जाते हैं जब चुनाव नजदीक आने को होती है। कोडरमा विधानसभा में शालिनी गुप्ता ने अपने पदार्पण के बाद से ही जनता के बीच उनके सुख-दुख में हिस्सेदारी बनाने के साथ-साथ उनकी समस्याओं को त्वरित निदान करने और अनेक कर्म से भी हर वक्त जनता के करीब रही। जनसंपर्क को लेकर शालिनी गुप्ता के धुआंधार दिनचर्या के अनुरूप अब तक कोडरमा विधानसभा में कोई ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं कर पाए। जनसंपर्क के मामले में शालिनी गुप्ता ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, जो यहां की जनता के लिए एक अनमोल उपहार से कम नहीं है।
पुत्री पर आई आफत के बावजूद नई ऊर्जा के साथ जनता के बीच आई शालिनी, संभाला मोर्चा
चुनाव के अंतिम वर्ष में ही शालिनी गुप्ता के छोटी पुत्री पर अचानक बड़ी बीमारी की आफत गिरने के बावजूद एक योद्धा मां की तरह अपनी पुत्री के कुशल चिकित्सा और संरक्षण करते हुए अनचाहे आफत को संभला वहीं दूसरी तरफ अपनी राजनीति धर्म को नहीं छोड़ते हुए 5 माह के ब्रेक के बाद एक नई ऊर्जा के साथ विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज की और ताबड़तोड़ जनसंपर्क करते हुए लोगों के दिलों पर अपने विश्वास को प्रगाढ़ किया साथ ही चुनाव के हर एक सीढी को पार करते हुए क्षेत्र और जनता के प्रति अपनी दृढ़ता को साबित की।
जिला परिषद पद पर कई उपलब्धियां से हुई अलंकृत
कहते हैं योग्यता को जब तक स्थान ना मिले वह उसे साबित नहीं कर सकता। कुछ ऐसी ही कहानी अनेक गुणों और कुशल नेतृत्व की धनी शालिनी गुप्ता के साथ रही। जिला परिषद अध्यक्ष पद मिलने के बाद शालिनी गुप्ता ने अपने कुशलता और अपनी कार्य क्षमता से अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में इतना कार्य किया जिससे वह राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अवार्ड लेकर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया।
चुनावी अफवाह के धूल से शालिनी की चमक रोकने की हो रही असफल कोशिश
चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी गुप्ता के बढ़ते जनादेश को देखते हुए विपक्ष के दलों के द्वारा नई-नई अफवाह फैलाकर जनता को बरगलाने का कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। इन सबसे परवाह शालिनी गुप्ता अपने समर्थकों और मतदाताओं को सीधे तौर पर संबोधित कर निश्चिंत कर रही है। और उनके विश्वास को और मजबूती दे रही है।
क्षेत्र और विधानसभा वासियों के लिए शालिनी का क्या है दर्द
कोडरमा विधानसभा के हजारीबाग जिला से अलग हुए 30 वर्ष बीत गए। परंतु तीन दशक के बावजूद राजनीतिक दुर्दशा की वजह से ना हीं यहां की खोई विश्व प्रसिद्ध अभ्रक उद्योग की चमक लौट पाई और नाही पत्थर उद्योग पर किसी की नजर गई, क्षेत्र का पिछड़ापन गरीबी पलायन आदि अनेक समस्याओं का दर्द शालिनी गुप्ता को झकझोर देता है। उन्होंने विधानसभा में एक बार मौका देने का जनता से आशीर्वाद मांगा है ताकि वह इस क्षेत्र का विकास, लोगों की खुशहाली और समृद्धि के लिए अपनी क्षमता से लौटाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राज्य के विधानसभा चुनाव के पहले फेज में 13 नवंबर का वह निर्णायक दिन है जब लोग घरों से सभी प्रत्याशियों के लिए पिछले 10 साल के कार्यों और संघर्षों को मन में संजोए मतदान बूथ पहुंचेंगे और अपने अनमोल वोट देकर अपने भविष्य के फैसले को ईवीएम में कैद करेंगे। आने वाले 5 वर्षों के लिए क्षेत्र के विकास और लोगों की समृद्धि का फैसला 23 दिसंबर को मतगणना खत्म होने के पश्चात हो पाएगी।
निर्दलीय प्रत्याशी शालिनी गुप्ता ने कोडरमा की जनता से क्यों मांगी मजदूरी…
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